Stock Talk

Buddhoo Ka Portfolio

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Disclaimer: Information or other contents presented in this page are based totally on the writier's personal observation and perception and put only for educational purpose. We do not take any responsibility for loss incurred by you in any manner following us. You are advised to take your own decision about investments based on your own mind and not based on our content on this page. (निवेश संबंधी निर्णय लेते समय आप अपने विवेक का इस्तेमाल करें इस पेज के आधार पर निर्णय नहीं लें)  

(Figures mentioned may not be accurate. This is for indicative purpose only.)


दिनांक- 12.07.2023 रात्रिकाल

ASIANPAINTS-  (Read it in English at below)

एसियन पेंट्स भारत के पेंट्स बाजार पर कब्जे के हिसाब से सबसे बड़ी कंपनी है. इसका मार्केट शेयर रुपये 3 लाख 25 हजार करोड़ के आसपास है. इसने पिछले छ:  महीने में 16% के आसपास लाभ दिया है और एक साल में लगभग 17% का. 

इस स्टॉक की खासियत यह है कि इसमें उतार-चढ़ाव बहुत होता है इसलिए यदि आप सतर्क रहते हैं तो कम मूल्य पर खरीदकर एक वर्ष के अंदर ही उसे बेचकर और कई बार ऐसा करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं. इसके पांच साल के ग्राफ को देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि हालांकि पिछले दो वर्षों में इसके शेयर के मूल्य में कोई वृद्धि नहीं हुई है पर अनेको बार काफी ऊपर-नीचे होकर अभी वर्ष 2021 सितम्बर के स्तर यानी अब तक के उच्चतम स्तर के आसपास चल रहा है.

इसके प्रतिस्पर्धी हैं बर्जर पेंट्स,पेंट्स, इंडिगो पेंटस, कंसाइ नेरोलेकलेक और एक्ज़ो नोबेल आदि हैं जिनमें सभी इस कंपनी से काफी पीछे हैं. यह मार्केट शेयर के मामले अपने निकटतम प्रतिस्पर्धी बर्जर पेंटस से पाँचगुणा है. Price Earning Ratio यानी P/E Ratio इसके सभी स्पर्धियों से इसका आगे है यानी 78 के आसपास है जो बर्जर से थोड़ा आगे हैं. बाकी सब का बहुत पीछे है. 19 से अधिक के P/B Ratio यानी Price/ Book Value अनुपात में भी यह सबसे अधिक है. जाहिर है भारतीय शेयर बाजार भी अभी उच्चतम स्तर पर है जिसका प्रभाव भी इस पर है. इसलिए अभी इसमें थोड़ा निवेश करना ही ठीक रहेगा. जब भाव गिरेगा तो और खरीदा जा सकता है. 

बाजार के जोखिम का ख्याल करते हुए आप अपने विवेक के आधार पर अपना निर्णय लीजिए. 

Date- 12.07.2023 night 

Asian Paints is the largest company in terms of market share in India's paints market. Its market share is around Rs 3 lakh 25 thousand crore. It has given returns of around 16% in last six months and around 17% in one year.

The specialty of this stock is that it fluctuates adequately, so if you are cautious, you can earn good money by buying it at a low price and selling it within a year and by doing so many a times. If you look at its five-year graph, you will come to know that although there has been no net increase in its share price in the last two years, but after going up and down several times, the year 2021 is now running around the level of September i.e. the highest level ever. 

Its competitors are Berger Paints, Paints, Indigo Paints, Kansai Nerolac and Exo Nobel, etc., all of whom are far behind this company on market share front. It has five times the market share of its nearest rival namely Berger Paints. Price Earning Ratio ie P/E Ratio is ahead of all its competitors i.e. around 78 which is slightly ahead of Berger. Everyone else is far behind. It is also the highest in P/B Ratio i.e. Price/Book Value ratio of more than 19. It is obvious that at present the Indian stock market is also at the highest level, which also has an impact on it. That's why it will be better to invest a little in it now. When the price falls, more can be invested.

Taking care of the market risk, take your decision on the basis of your discretion.


 दिनांक- 11.07.2023 रात्रिकाल

Currency Trading-  (Read it in English at below)

Currency (मुद्रा) यानी डॉलर, यूरो, पाउंड आदि को रुपये में परिवर्तित करने की दर पर ऑप्शन ट्रेडिंग खूब होती है. इस ट्रेडिंग की मात्रा को सुनकर आप चौंंक जाएंगे. विश्व में प्रतिदिन 7.5 लाख करोड़ (यानी ट्रिलीयन) डॉलर के कीमत पर  खरीद-बिक्री होती है. भारत के हिसाब से यूएसडी (डॉलर) के रुपए की बनिस्पत कीमत पर ट्रेडिंग बहुत प्रचलित है वैसे यह यूरो, पाउंड, येन आदि की रुपये में कीमत पर भी होती है.

कम से कम 1000 (एक हजार) डॉलर का ऑप्शन खरीदना या बेचना पड़ता है. उसी गुणक में यह उपलब्ध होता है. पर घबराइये नहीं आपको एक हजार डॉलर का पैसा नहीं बल्कि बल्कि उसके ऑप्शन का पैसा ही लगाना होता है जो कुल मात्र रु. 300 या रु. 500 जैसा कुछ होगा. 

सबसे बड़ी बात करेंसी ट्रेडिंग में यह है कि इस कारोबार में किसी लॉबी द्वारा धांधली अर्थात मूल्यों को गलत तरीके से बढ़ाना या घटाना लगभग असंभव होता है जो कि कंपनी के शेयरों के मामले में अपेक्षाकृत आसान होता है इसलिए कोई चाहकर भी डॉलर के मूल्य को अपने हिसाब से घटा-बढ़ा नहीं सकता. डॉलर (या किसी अंतर्राष्ट्रीय करेंसी का) मूल्य वैश्विक परिस्थितियों के अनुसार निर्धारित होता है जिसमें पेट्रोलियम की कीमत, केंद्रीय बैंकों की नीतियाँ, अंतरराष्ट्रीय युद्ध या शांति आदि की बड़ी भूमिका होती है. डॉलर, पाउंड आदि की कीमत अचानक भारत में बढ़े या घटे नहीं इसे भारत का रिजर्व बैंक न सिर्फ देखता है बल्कि खुले तौर पर खुद खरीद-बिक्री में भाग लेकर उसे नियंत्रित भी करता है. इसलिए सामान्य लोगों के लिए यह इसमें ट्रेडिंग ज्यादा सुरक्षित माना जाता है.

एक और बात मैंने देखी है कि करेंसी में घटना या बढ़ना शेयरोंं की तुलना में बहुत धीमा होता है और आपको वह पर्याप्त समय देता है अपनी रणनीति बनाने के लिए.  

करेंसी ट्रैडिंग की अपनी खासियत है. इसमें भले ही मुनाफा कम हो पर घाटे की संभावना भी कम होती है. और अगर ध्यान से इसे करेंगे तो बैंक के फिक्स्ड डिपोजिट से तो कहीं ज्यादा मिलेगा. अनहोनी से बचने के लिए आप यदि किसी कीमत पर कॉल या पुट बेच रहे हैं तो उसे कवर करके अवश्य रखें. मान लीजिए आज डॉलर की कीमत 82.69 रुपया है और आप जुलाई का कॉल 83.5 पर बेच रहे हैं तो 84.5 के आसपास का कॉल को खरीदकर रखें जो 83.5 के कॉल की तुलना में काफी सस्ता होगा. ऐसा ही पुट के साथ भी करना होता है. पुट यानी वर्तमान डॉलर की कीमत से कम पर खरीद-बिकी का ऑप्शन. 

करेंसी ट्रेडिंग के लिए अपने ब्रोकर (जैसे- जेरोधा, एंजेल, अपस्टॉक) के प्लेटफॉर्म पर इसे एक्टीवेट कराना होता है जो मात्र एक-दो दिनों में चालू हो जाता है. 

बाजार के जोखिम का ख्याल करते हुए आप अपने विवेक के आधार पर अपना निर्णय लीजिए. 

Date- 11.07.2023 night 

Currency Trading-

Option trading is done at the rate of conversion of currency ie dollar, euro, pound etc. into rupees. You may be shocked to know the volume of this trading. Buying and selling takes place every day in the world at the cost of 7.5 trillion dollars. In India, trading is very popular on the exchange rate of rupee against USD (Dollar), although it is also done on the exchange rate of euro, pound, yen etc. in rupees.

At least 1000 (one thousand) dollars option has to be bought or sold. It is available in the same multiple. But don't worry, you don't have to invest the money of one thousand dollars, but only the money of its option premiums, which will be something around Rs.300 or 500.

The biggest thing in currency trading is that in this business it is almost impossible to rigging by any lobby ie increase or decrease the prices wrongly, which is relatively easy in case of company shares, so none can change the value of the dollar even if they want. None can't increase or decrease the value of the value of the dollar (or any international currency). It is determined according to global conditions, in which the price of petroleum, policies of central banks, international war or peace, etc. play a big role. The Reserve Bank of India not only keep a watch on the prices of dollar, pound etc. but also controls it by participating in buying and selling so that it does not suddenly increase or decrease in India,  That's why trading in it is considered more secure for common people.

Another thing I have noticed is that the movement in currency is very slow as compared to stocks and that gives you enough time to build your strategy.

Currency trading has its own features. In this, even if the profit is less, but the possibility of loss is also less. And if you do it carefully, then you will get much more than the fixed deposit of the bank. To avoid untoward incident, if you are selling call or put at any price, then keep it covered. Suppose today the dollar price is Rs 82.69 and you are selling the July call at 83.5, then buy and hold the call of around 84.5 which will be much cheaper than the call at 83.5. The same has to be done with the put. Put means the option to buy or sell at less than the current dollar price.

For currency trading, it has to be activated on the platform of your broker (eg- Zerodha, Angel, Upstock) which becomes operational in just a day or two.

Keeping view of the market risk, take your decision on the basis of your discretion.


दिनांक- 07.07.2023 रात्रिकाल

LARGE CAP  Vs. Small Cap-  (Read it in English at below)

Large Cap Stock यानी ऐसी कंपनी का स्टॉक जिसका Market Capitalisation (कुल शेयरों का बाजार मूल्य) रु. 20000 करोड़ से ज्यादा हो. इसकी गणना इस तरह से होती है : 

(बाजार में उस कंपनी के) कुल शेयरों की संख्या x एक शेयर का बाजार मूल्य 

निफ्टी 50 की सारी 50 कंपनियाँ और सेंसेक्स की सारी 30 कंपनियों के साथ-साथ शेयर बाजार में खरीद-बिक्री होनेवाले लगभग सारी प्रमुख कंपनियाँ ऐसी ही होती हैं. जैसे कि - हिंदुस्तान युनीलीवर, ओएनजीसी, टीसीएस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, हीरो मोटो को., मारुति, आईसीआईसीआई बैंक आदि-आदि. विशाल आकार होने के कारण लोगों के द्वारा बहुत खरीद-बिक्री के बावजूद इनमें मूवमेंट अपेक्षकृत कम होता है. अर्थात यदि अस्थिरता आने पर एक दिन में small cap stock 8 से 10% तक बढ़ या घट सकते हैं वहीं Large cap यदि  2.5% (ढाई प्रतिशत) भी बढ़-घट जाए तो बहुत माना जाता है. Volatility (अस्थिरता) की यह कमी ही एक आम नवसिखुए निवेशक को इनसे दूर रहने को प्रेरित करती है और वे तेजी से बढ़ने-घटने वाली कंपनियों यानी Small Cap की ओर बरबस आकर्षित हो जाते हैं. 

Small Cap से आकर्षित हो जाना या उसमें निवेश करना बुरा नहीं है पर उसमें अपनी सुध-बुध खो बैठना भारी नुकसान का कारण हो जाता है. क्योंकि जितनी तेजी से वह ऊपर जाता है उतनी ही तेजी से गिरता भी है. फिर आपका निवेश यदि मूल्य में बहुत कम हो जाए और फिर गिरता ही चला जाए महीनों महीनों तक तो क्या दशा होगी आपकी, आप समझ सकते हैं. ऐसा अक्सर होता है उनके साथ. इसलिए नियंत्रित मात्रा में निवेश करना चाहिए ताकि यदि भाव बहुत गिर जाए (20% से 40%) तो आपके पास उसमें डालने के लिए नकद बचा होना चाहिए.

Large Cap कंपनियाँ एक तरह की गारंटी होती हैं कि ज्यादा दिनों (या महीनों तक) आपकी पूंजी गिरी नहीं रहेगी बशर्ते कि उसमें कोई सेक्टोरल ग्रहण न लगा हो. आप देख रहे होंगे कि पिछले कुछ वर्षों से आईटी सेक्टर और फार्मा सेक्टर इससे जूझता आ रहा है. फार्मा में तो सुधार देखने को मिला है पर आईटी सेक्टर का अब भी भगवान ही मालिक है. जो हो, Large Cap कंपनियों में ज्यादा से ज्यादा संभावना होती है कि आपकी पूंजी सुरक्षित रहेगी और आपको अच्छा लाभ भी मिलेगा. ये डिविडेंड (लाभांश) कम देती हैं आपको शेयर का मूल्य बढ़ने से लाभ प्राप्त होता है और आप बढ़े मूल्य पर उसे बेच सकते हैं. 

Large Cap की खासियत होती है कि आप उसकी चाल को देखकर समझ सकते हैं कि वह अभी बढ़ रहा है या घट रहा है. अचानक बहुत तेजी से ऊपर जाकर फिर तुरंत वह बहुत तेजी से Small Cap की तरह अचानक गिरता नहीं है. इसलिए बहुत कुछ संभलने का और योजना बनाने का समय आपको मिल जाता है. साथ ही चूंकि देश की अर्थव्यवस्था उन पर बहुत हद तक टिकी होती है इसलिए उनमें पैसा लगाना लगभग सुरक्षित रहता है. देश तरक्की करेगा तो कंपनी भी आगे बढ़ती जाएगी और आपका लगाया हुआ पैसा भी. Small Cap कंपनियों में यह सीधा संबंध नहीं दिखता है. छोटे-छोटे कारणों से वह बहुत अधिक प्रभावित हो जाता है और लगभग निवेशकों के लिए अनियंत्रित सा बना रहता है. आप उसके थोड़ा बढ़ने पर उसे बेच डालते है फिर पता चलता है कि वह तो उसका कई गुणा बढ़ गया जिससे आप वंचित रह गए. कभी आप इंतजार करते है कि यह तो बहुत बढेगा तो वह अचानक फिर नीचे चला जाता है और फिर नीचे ही जाता रहता है. जबकि Large Cap यदि आज नीचे भी चला गया है तो कुछ समय में उसका ऊपर आना लगभग तय है और आपको लाभ देगा ही. हाँ, एक बार में कभी ज्यादा पैसा नहीं डालना चाहिए ताकि भविष्य में यदि भाव गिरे तो आपके पास खरीदने के लिए पैसा नकद उपलब्ध हो. 

बाजार के जोखिम का ख्याल करते हुए आप अपने विवेक के आधार पर अपना निर्णय लीजिए. 

Date- 07.07.2023 night time

LARGE CAP Vs. Small Cap-

Large Cap Stock means the stock of a company whose Market Capitalization (market value of total number of shares) is  more than Rs. 20000 crores. It is calculated like this:

Total number of shares (of that company in the market) x market value of one share

All 50 companies of Nifty 50 and all 30 companies of Sensex as well as almost all the major companies that are bought and sold in the stock market are fall in this category. Such as - Hindustan Unilever, ONGC, TCS, Reliance Industries, Hero Moto Co., Maruti, ICICI Bank etc-etc. Due to the huge size, despite heavy activities of buying and selling by people, there is relatively less movement in them. It means, if volatility rises, small cap stocks can rise or gall by 8 to 10% in a day, while large cap stocks may likely increase or decrease by just 2.5% (two and a half percent), and is considered too much. This lack of volatility motivates a common novice investor to stay away from them and they get attracted towards fast growing companies i.e. Small Cap.

Getting attracted to Small Cap or investing in it is not bad, but losing your mind in it becomes the cause of huge loss. Because the faster it goes up, the faster it falls. Then if your investment becomes very less in value and thenafter keeps on falling for months, you can understand what will be your condition. This happens often with them. Hence one should invest in controlled amounts so that if the rate falls drastically (by 20% to 40%) then one should have cash left to put in it.

Large cap companies are a kind of guarantee that your capital will not remain below for many days (or maybe months) provided there is no sectoral eclipse in it. You must be seeing that the IT sector and the Pharma sector have been struggling with this for the last few years. Improvement has been seen in Pharma, but it seems perhaps only God can rescue IT sector. Whatever be the case, in Large Cap companies there are more and more chances that your capital will be safe and you will also get good profit. The dividends by them may be less, still you get benefit from upside movement in share price and you can sell it at a higher price.

The specialty of Large Cap is that by looking at its movement, you can understand whether it is rising or falling now. Suddenly going up very fast and then immediately it does not fall very fast like Small Cap. That's why you get time to handle a lot and plan. Also, since the country's economy depends on them to a great extent, it is almost safe to invest in them. If the country progresses, the company will also progress and so will your money. This direct relationship is not visible in Small Cap companies. Because of any petty reasons, they get affected a lot and remains almost uncontrollable for the investors. You sell it when it grows a little, then you come to know that it has risen many times due to which you were deprived. Sometimes you wait for it to go up , then suddenly it goes down again and then it keeps on going down. Whereas if the Large Cap has gone down even today, then it is almost certain to come up in some time and will definitely give you profit. Yes, never put too much money at one go so that if the price falls in future, you should have cash available to buy.

Keeping view of the market risk, take your decision on the basis of your discretion.


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